SAKET SAGA

                 यह महाविद्यालय मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि में 26 जुलाई 1951 को बाबा राघव दास, आचार्य नरेन्द्र देव तथा पण्डित परमेश्वर नाथ सप्रु की सत्प्रेरणा एवं तत्कालीन अयोध्या नरेश  श्री जगदम्बिका प्रताप नारायण सिंह द्वारा ग्यारह गाँवों के राजस्व के आर्थिक सहयोग से नगर के अंगूरी बाग मोहल्ले में किराये के भवन में “श्री साकेत महाविद्यालय ” के नाम से स्थापित हुआ। इस महाविद्यालय के श्री राघवेन्द्र शेषोपाच्छारपुरकर (बाबा राघव दास) संस्थापक अध्यक्ष, पं परमेश्वर नाथ सप्रू संस्थापक मंत्री एवं डाँ हरिहर नाथ हुक्कू संस्थापक प्राचार्य रहे। महाविद्यालय का उद्दघाटन 22 सितम्बर 1951 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन शिक्षामंत्री डाँ संपूर्णानन्द द्वारा किया गया। फ़ैजाबाद के दानशील धनिक श्री महावीर प्रसाद अग्रवाल के एक लाख रूपये के सहयोग से महाविद्यालय के वर्तमान भवन का निर्माण सन 1957 ईं में हुआ। इस अतुल्य सहयोग के लिए सम्मान स्वरूप श्री अग्रवाल के ताऊ श्री कामता प्रसाद तथा पिता श्री सुन्दरलाल के नाम की पगड़ी महाविद्यालय ने शिरोधार्म कर लिया।

                 प्रारम्भ में यह महाविद्यालय कला संकाय के छ: विषयों की मान्यता के साथ आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध हुआ, तत्पश्चात सितम्बर 1959 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध हुआ।  4 मई 1975 से अवध विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ साकेत महाविद्यालय इससे संबद्ध हो गया जो सम्प्रति डाँ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फ़ैज़ाबाद के रूप में प्रतिष्ठित है। साकेत महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय का छात्र, अध्यापक शक्ति तथा परिसर के क्षेत्रफ़ल की दृष्टि से विशालतम अशासकीय अनुदानित महाविद्यालय है, जिसकी ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर प्रदीप्त है। महाविद्यालय के विगत दीक्षान्त समारोहो में भारत रत्न डाँ ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम, श्री राज नाथ सिंह, श्री मुलायम सिंह यादव, श्री टी0 एन0 शेषन का शुभागमन हो चुका है। महाविद्यालय का संचालन “श्री साकेत महाविद्यालय समिति” द्वारा होता है। प्रबंध समिति में अयोध्या राज परिवार के सदस्य तथा फ़ैज़ाबाद के कुछ विद्यानुरागा प्रबुद्ध समाजसेवी व्यवसायी हैं। प्रबंध समिति के वर्तमान अध्यक्ष श्री दीपकृष्ण वर्मा  तथा अवैतनिक सचिव  श्री आनन्द सिंघल हैं। यह गौरव का विषय है कि दोनों ही माननीय पदाधिकारी साकेत महाविद्यालय के पुरातन छात्र भी रहे हैं।